जय जय मणिधारी, आरति करूँ हितकारी,सुख सम्पति कारी ।। जय ।। गुण मणि आगर, महिमा सागर, भवि जन हितकारीदीन दयाल दया कर मोपर जिन शासनवारी…
आचार्य जिनराजसूरि के पट्ट्धर श्री जिनरत्नसूरि जी हुए। सम्वत 1670 में मरुधर देश के सेरुणा ग्राम में लूणिया गोत्रीय तिलोकसी एवं माता तेजलदे के यहां…
आचार्य जिनसिंहसूरि जी के पट्टधर श्री जिनराजसूरि जी हुए। आपका जन्म बीकानेर निवासी बोथरा गोत्रीय श्रेष्ठि धर्मसी की धर्मपत्नी धारलदेवी की रत्नकुक्षि से सम्वत 1647…
राजस्थान में कहावत है – समयसुंदर रा गीतड़ा, कुंभे राणे रा भींतड़ा। अर्थात् जिस प्रकार महाराणा कुंभा द्वारा बनाये गए कुम्भलगढ़ किले की दीवार (विश्व…
चतुर्थ दादा गुरुदेव श्री जिनचन्द्रसूरि जी के पट्टधर आचार्य जिनसिंहसूरि जी हुए। आप असाधारण प्रतिभाशाली विद्वान और कठिन साध्वाचार पालनेवाले प्रभावक आचार्य थे। आपका जन्म…
सवाई युगप्रधान भट्टारक, बादशाह अकबर व जहाँगीर प्रतिबोधक, श्री जिनमाणिक्यसूरि जी के पट्टधर, चतुर्थ दादा गुरुदेव श्री जिनचन्द्रसूरि जी हुए। आप अपने चारित्र बल एवं…
श्री जिनहंससूरि जी के पट्ट पर श्री जिनमाणिक्यसूरि जी हुए। आपका जन्म सम्वत 1549 में कूकड-चोपड़ा गोत्रीय साह राउलदेव और माता रयणा देवी के यहां…
श्री जिनसमुद्रसूरि जी के पट्ट पर गच्छनायक श्री जिनहंससूरि जी हुए। सम्वत 1524 में आपका जन्म हुआ था। सेत्रावा नामक ग्राम में चोपड़ा गोत्रीय साह…
आचार्य जिनचन्द्रसूरि जी के पट्टधर श्री जिनसमुद्रसूरि जी हुए। आप उच्च कोटि के साधक एवं उद्भट विद्वान् थे। आपका जन्म सम्वत 1506 में हुआ था।…
महान प्रभावक आचार्य जिनभद्रसूरि जी के पट्ट पर श्री जिनचन्द्रसूरि जी हुए। आपका जन्म सम्वत 1487 में जैसलमेर निवासी चम्म गोत्रीय साह वच्छराज और माता…