आचार्य जिनभद्रसूरि

आचार्य श्री जिनराजसूरि जी के पट्टधर 15वीं शताब्दी के जगत्प्रसिद्ध, महान ग्रन्थ संरक्षक, अनेक ज्ञानभण्डारों के संस्थापक श्री जिनभद्रसूरि जी हुए। अनेक प्राचीन और महत्वपूर्ण…

आचार्य जिनवर्द्धनसूरि

श्री जिनवर्द्धनसूरि जी पन्द्रहवीं सदी के प्रकांड विद्वान एवं प्रभावक आचार्य थे। आपका जन्म मेवाड़ के कईलवाड़पुर नामक नगर में सम्वत 1436 में मंत्री शाखा…

आचार्य जिनराजसूरि – प्रथम

आचार्य श्री जिनोदयसूरि के पट्टधर श्री जिनराजसूरि हुए। आपका दीक्षा नाम राजमेरु मुनि था। सम्वत 1432 फाल्गुन कृष्ण 6 के दिन पाटण में, श्री लोकहिताचार्य…

आचार्य जिनोदयसूरि

आचार्य श्री जिनचन्द्रसूरि के पट्ट पर श्री जिनोदयसूरि हुए। आपका जन्म सम्वत 1375 में पालनपुर में हुआ था। आपके पिता माल्हू गोत्रीय साह रुद्रपाल थे…

आचार्य जिनचंद्रसूरि

आचार्य जिनलब्धिसूरि के पट्टधर श्री जिनचंद्रसूरि जी हुए। मुनि सहजज्ञान रचित “श्री जिनचंद्रसूरि विवाहलउ” के अनुसार आपका जन्म मरुदेश के कुसुमाण गाँव में हुआ। आपके पिता…

आचार्य जिनलब्धिसूरि

आचार्य जिनपद्मसूरि के पट्टधर श्री जिनलब्धिसूरि जी हुए। श्री तरुणप्रभाचार्य कृत “श्री जिनलब्धिसूरि चहुत्तरी” में आपका जीवन वृत्तांत दिया गया है। आपके पिता का नाम…

आचार्य जिनपद्मसूरि

दादा गुरुदेव श्री जिनकुशलसूरि जी के पट्टधर श्री जिनपद्मसूरि जी हुए। आपके पिता खीमड कुलरत्न अम्बदेव थे तथा आपकी माता का नाम कीकी था। सम्वत…

आचार्य जिनप्रभसूरि

आचार्य जिनपतिसूरि के पट्टधर श्री जिनेश्वरसूरि (द्वितीय) के दो प्रमुख शिस्य थे – जिनसिंहसूरि तथा जिनप्रबोधसूरि। इन दो आचार्यों से खरतरगच्छ की दो शाखाएं अलग…

दादा गुरुदेव जिनकुशलसूरि

प्रकट प्रभावी, कामित कल्पतरु, भक्तजन वत्सल, शासन प्रभावक, अतिशयधारी, दादा गुरुदेव श्री जिनकुशलसूरि अपने समय के युगप्रधान महापुरुष थे। आपके परम पवित्र जीवन चरित्र और…

कलिकाल केवली जिनचन्द्रसूरि

आचार्य जिनप्रबोधसूरि के पट्ट पर जिनचन्द्रसूरि हुए। आप “कलिकाल केवली” के विरुद से सम्मानित थे। आपने विभिन्न वादियों पर विजय प्राप्त की थी। दादा जिनकुशलसूरि…