आचार्य जिनेश्वरसूरि

खरतर परंपरा जैन धर्म में स्वर्ण अक्षरों से अंकित है। इसका मूल कारण चैत्यवास का उन्मूलन और सुविहित मार्ग का प्रचार है। आज से लगभग…

आचार्य वर्धमानसूरि

लाखों को जैन बनानेवाला गच्छ, जिसमें चार दादा गुरुदेव जैसी महान विभूतियाँ हुई, उसकी शुरुआत कैसे हुई, आओ जानें। खरतर परंपरा श्रृंखला का आरम्भ खरतरगच्छ…

दादा श्री जिनदत्तसूरि काव्यम्

दासानुदासा इव सर्वदेवा यदीय पदाब्जतले लुठंति मरुस्थलीकल्पतरुः स जीयात् युगप्रधानो जिनदत्तसूरिः  ।।१।। चिंतामणिः कल्पतरूर्वराकौ कुर्वन्ति भव्याः किमु कामगव्या प्रसीदतः श्रीजिनदत्त सूरे सर्वे पदा हस्तिपदे प्रविष्टाः …